“खुद से सवाल”| “आत्मसम्मान की पुकार” |Aatmsamman ki Pukar “Best हिंदी कविता 2024” | Self-Respect-Poetry
ऐसा भी क्या कर दिया तुने जो डर रहा है खुद से ही। तेरे हक़ के लिए भी तु कुछ कर नहीं पा रहा है। अपनों को जोड़ने का ही तो तुने गुनाह किया है। रिश्तों को बचाने का ही तो दुस्साहस किया है। मगर, अब और कितना झुकेगा तु? अब और कितना सहेगा तु? माना, रिश्ते ज़रूरी हैं, लिहाज़ ...
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“फिक्र” | “Fikra” “फिक्र नहीं, शिव का भरोसा” हिंदी कविता 2024
फिक्र क्या करूँ, मैं उस फिक्र की जिस फिक्र को मेरी फिक्र नहीं “महादेव” की मंजूरी से सब चलता है, यहाँ तो मेरी फिक्र भी महादेव कर ही लेगा मेरे चाहने न, चाहने का, क्या मतलब है जो मेरा है, वही मेरा रहेगा लाख कोशिशें करें कोई, मेरा मुझसे कोई छीन न पाएगा फिक्र क्या करनी अपनी नशीब की जो ...
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“उम्मीद की रफ़्तार – हिंदी कविता -2024 | Ummid Ki Raftar – Motivational Hindi Poem”
“बुजी-बुजी सी उम्मीदएक उजाला ढूँढ रही है। रुकी-रुकी सी जिंदगीएक रफ़्तार ढूंढ रही है। ‘किस्मत’ की बात है,देखो ये है। हारने वाले की’हिम्मतएक ‘जीत’ ढूंढ रही है। थकी-थकी सी ‘ताकत’एक ‘जूनून’ ढूंढ रही है। दबी-दबी सी ‘जुबां’एक ‘आवाज’ ढूंढ रही है। किस्मत की बात है,देखो ये है। ‘रोती हुई आँखें’एक ‘हंसी’ ढूंढ रही है। छुपी-छुपी सी ‘किरणें’एक ‘जिद्द’ ढूंढ रही ...
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“भारत तेरी जय हो: एक प्रेरणादायक देशभक्ति कविता” 2024 | Bharat Teri Jay Ho – Hindi Poetry| देशभक्ति की कविता
इन मस्त हवाओं मेंपंछियों का चहकनाबागों में प्यारेफूलों का महकना कभी कम न होदेश की मिट्टी सेप्रेम की खुशबू कम न हो नदियों की लहरेंमन को लुभाएँ हमेशाखेतों की हरियालीकभी कम न हो हिमालय की शानहमेशा बनी रहे अब मेरे देश कीउन्नति कम न होसारे संसार में, “मेरे भारत”तेरी जय हो, जय हो kavita ke bare me भारत तेरी जय ...
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Mukabala Hindi Poetry – 2024 | मुकाबला हिंदी कविता
कुछ करना चाहता हूँ “पहचान” बनाना चाहता हूँ में अरे बैठा ही हूँ में क्यों न कुछ करू में उम्मीदों को मारने से क्या होगा बैठा ही था बैठा ही रहूँगा में मगर उम्मीदों के लिये कुछ करूंगा तो और इन उम्मीदों को मरने नहीं दूंगा तो कुछ कर सकता हूँ में अपनी पहचान बना ...
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“महान ” | Best Hindi Poetry “Mahan” | “Great” The Poetry
इरादा मेरा, सर जुकाने का नहीं है वो तो में, सर उठाने के लिए जुकता हूँ जुकता हूँ में, कुछ समझने और पाने के लिए तभी तो में, जुक कर भी हँसता हूँ शान से चलना, तो मेरी भी फितरत में है तभी तो में शान से जुकता हूँ सर उठाकर भी, बहुत से जुके ही रह ...
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